ला स्त्रादा (द रोड) इतालवी नवयथार्थवाद की प्रतिनिधि फ़िल्मों में गिनी जाती है. फ़ेदेरीको फ़ेलीनी की यह फ़िल्म एक ग्रामीण युवती जेल्सोमीना की कहानी है जिसे इटली के एक तटीय नगर में एक बनैले क़िस्म के इन्सान को बेच दिया जाता है. इस फ़िल्म ने १९५७ में बेस्ट फ़ॉरेन फ़िल्म कैटेगरी में ऑस्कर जीता था.
जेल्सोमीना (यह रोल स्वयं फ़ेलीनी की पत्नी जिऊलेता मासीना ने निभाया था) को उसकी मां मजबूरी में जिप्सी उत्सवों में बतौर एक स्ट्रीट आर्टिस्ट काम करने वाले ज़ाम्पानो (एन्थनी क्विन) को दस हज़ार लीरे में बेच देती है. मज़बूत कद - काठी का ज़ाम्पानो चौराहों पर लोगों को इकठठा कर अपने सीने पर खिंची लोहे की ज़ंजीर को अपनी ताकत के बल पर तोड़ देने का कारनामा दिखाकर अपनी रोज़ी कमाता है. शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से अति-क्रूर ज़ाम्पानो जेल्सोमीना को प्रशिक्षण देता है.
गौरैया जैसी जेल्सोमीना एक ख़ास तरह से सुन्दर है.
बाद में कहानी में आने वाला एक पात्र इल मातो (मसख़रा) उससे कहता भी है:
What a funny face! Are you a woman, really? Or an artichoke?
जेल्सोमीना को मौसम की भविष्यवाणी करना भी आता है पर जो भी हो वह ज़ाम्पानो की अन्तर्निहित हिंसा से अपने आप को नहीं बचा पाती. यह अलग बात है कि बावजूद प्रत्यक्ष रूप से टूटी हुई दिखाई देने के वह हमेशा उम्मीद से भरी नज़र आती है. ज़ाम्पानो से प्रशिक्षण ले चुकने के बाद वह अपने आप को कलाकार मानती है - उसे थोड़ा बहुत ट्रम्पेट बजाना आ चुका है, और नाचना और मसख़रापन करना भी.
रास्ते में एक सर्कस में काम करते हुए उनकी मुलाकात इल मातो से होती है जो जेल्सोमीना को जीवन का अर्थ बतलाता है. और प्रेम का.
उनके बीच का एक वार्तालाप यूं चलता है:
इल मातो: I am ignorant, but I read books. You won't believe it, everything is useful... this pebble for instance.
जेल्सोमीना: Which one?
इल मातो: Anyone. It is useful.
जेल्सोमीना: What for?
इल मातो: For... I don't know. If I knew I'd be the Almighty, who knows all. When you are born and when you die... Who knows? I don't know for what this pebble is useful but it must be useful. For if its useless, everything is useless. So are the stars!
इसका अन्त ज़ाम्पानो द्वारा इल मातो की हत्या में होता है. यह हत्या जेल्सोमीना का दिल तोड़ देती है. जब ज़ाम्पानो को इस बात का अहसास होता है वह एक बर्फ़भरी रात उसे सड़क के किनारे एक वीराने में छोड़ आता है. कई सालों बाद समुद्रतट पर टहलते हुए ज़ाम्पानो एक घर के अहाते में कपड़े सुखा रही एक महिला के गुनगुनाने से आकृष्ट होता है. उसका गुनगुनाना जेल्सोमीना जैसा है. पूछने पर पता चलता है कि जेल्सोमीना उस घर में कुछ दिन रही थी - अपनी मौत से कुछ दिन पहले.
कहानी का अन्त रात को एक शराबख़ाने में लड़ाई कर बाहर आकर समुद्रतट पर ज़ाम्पानो के बेतहाशा रोने में होता है.
इस क्लासिक पर ज़्यादा लिखा नहीं जा सकता.
सिनेमा अच्छा लगता है तो जुगाड़ लगाइये. ये तो वैसे भी ज़माना इन्टरनैट का है - सब फ़िरी फ़ोकट!