सिर्फ एक विचार कि फ़िल्म जैसे उत्कृष्ट कला-माध्यम पर भी चर्चा होनी चाहिये यूँही बैठे-बैठे आ गया। साल-दो साल पहले विश्व सिनेमा एकत्र करना शुरु हुआ जोकि हालांकि बहुत मुश्किल काम है मगर इन्टरनेट की सहायता से काफी कुछ इकठ्ठा कर पाया हूँ।
अभी कल ही अपना यह विचार कि, सिनेमा माध्यम पर क्यों न ब्लोग के जरिये एक सिलसिला शुरु किया जाए जहाँ सिनेमा की समझ रखने वाले लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाए, अपने एक मित्र के सामने रखा। हम अक्सर फ़िल्मों पर चर्चा किया करते हैं हालांकि उनकी शुरुआत हुए ज़्यादा समय नहीं बीता है। वे इस विचार से प्रभावित हुए मगर समयाभाव के कारण उन्होनें फिलहाल के लिये अपनी असमर्थता जताई। मुझसे इंतज़ार हुआ नहीं और सोचा ब्लोग तो बना ही लेना चाहिये, ब्लोग पर पोस्ट चाहे मुल्तवी हो जाए, ठीक वैसे ही जैसे किताब खरीद लो, पढ़ना चाहे टलता रहे।
तो यह पोस्ट इस विचार की पहली किस्त है।
to kitaab khareed hi li aapne, chalo padne ko to mil hi jaayegi
ReplyDeletebadhai
swagat hai aapkaa...ummid hai aapke maadhyam se chitrapat ki utkrisht charchaa se ham laabh uthaa paayenge
ReplyDeleteहिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeleteमेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिये निम्न कार्य करें: ब्लागस्पाट के अंदर जाकर --
Dahboard --> Setting --> Comments -->Show word verification for comments?
Select "No" and save!!
बस हो गया काम !!
हजूर आपने किताब बस खरीदी और अपन लाईन में लग गए कि कब महेन भाई से ये किताब हमको पढ़ने मिल जाएगी ;)
ReplyDeleteिचट्ठाजगत में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteआपकी लेखनशैली अच्छी है। जमकर िलखें। साथ में दूसरों के िलखे पर ताकझांक कर िटप्पिणयां भी छोड़ें।
www.gustakhimaaph.blogspot.com
Very interesting subject!....aap ka swagat hai!...aap likhten rahiye aur humein jaankaati dete rahiye....dhanyawad!
ReplyDeleteबहुत सही कदम उठाया है आपने | मुझे हमेशा से लगता रहा है कि फ़िल्म समीक्षा पर काम होना बहुत जरूरी है | समाचार पत्रों और टीवी चैनलों पर जिस तरह कि फ़िल्म के ऊपर बकवास चर्चा होती है , उससे मन खिन्न रहता है | सिनेमा जैसे लोकप्रिय और सशक्त माध्यम को हमेशा से बहुत हल्के में लिया गया है | ऐसे में आपका पहला कदम सराहनीय है | मेरी हार्दिक शुभकामनाएं |
ReplyDeleteFrom : aajkiaawaaz.blogspot.com
सुंदर आलेख चलचित्र पर चिठ्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है मेरे ब्लॉग पर पधारने का स्नेहिल आमंत्रण है
ReplyDeleteनियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
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