मैंने हॉलीवुड अदाकारा मर्लिन मुनरो पर एक लेख लिखा था। तब नैट पर मुझे उसके बहुत सारे कोट्स मिले। मैंने उन्हें पढ़ा तो मुझे लगा कि इन कोट्स का यदि क्रम बदल दिया जाए तो ये मर्लिन के एकालाप की तरह लगेंगे। लिहाजा मैंने मर्लिन के ये कोट अनुवाद किए और उन्हें ऐसा क्रम दिया कि ये मुनरो की कहानी उसी की जुबानी लगे। तो पढ़िए मुनरो की छोटी-सी कहानी उसी की जुबानी।
मैं अपनी शादी की वजह से दुःखी नहीं थी लेकिन इससे मैं खुश भी नहीं थी। मैं और मेरे पति मुश्किल से ही एकदूसरे से बोल पाते थे। और यह सब इस वजह से नहीं था कि हम एकदूसरे से नाराज थे। हमारे पास कहने को कुछ नहीं था। मैं इस ऊबाऊपन से मर रही थी। मेरी पैसों में कतई दिलचस्पी नहीं थी, मैं तो बस वंडरफुल होना चाहती थी। करियर वंडरफुल था लेकिन एक ठंडी रात में उसे आप लपेट नहीं सकते थे। मैं कैलेंडर पर जिंदा रहूंगी, समय में कभी नहीं।
मैं जब बच्ची थी तब मुझे किसी ने कभी ये नहीं कि मैं सुंदर हूं। तमाम बच्चियों को कहा जाना चाहिए कि वे सुंदर हैं, वे सुंदर न हों तब भी। हॉलीवुड में किसी भी लड़की की प्रतिभा उसके हेयर स्टाइल से कम आंकी जाती है। आपका मूल्यांकन इस आधार पर होता है कि आप कैसी दिख रही हैं, इस पर नहीं कि आप असल में हैं क्या। हॉलीवुड ऐसी जगह है जहां आपको चुंबन के लिए हजार डॉलर्स मिल जाएंगे लेकिन आत्मा के लिए पचास सेंट्स भी नहीं। मैं यह जानती हूं औऱ मैं महंगा आफर ठुकरा देती हूं औऱ पचास सेंट्स का मंजूर कर लेती हूं।
मैं बिना फेस लिफ्ट कराए बूढ़ी होना चाहती हूं। मैं चाहती हूं मुझमें अपने उस चेहरे के प्रति भरोसेमंद रहने का साहस हो जिसे मैंने बनाया है। कभी कभी मुझे लगता है उम्रदराज होना टाला जा सकता है औऱ जवान रहते मर जाएं तो बेहतर। लेकिन तब आप अपनी जिंदगी पूरी नहीं करते। नहीं क्या? तब आप कभी भी अपने को पूरी तरह से नहीं जान पाएंगे।
सेक्स प्रकृति का हिस्सा है और मैं प्रकृति के साथ जाना पसंद करूंगी। मैं पिक्चर में नेचरल लुक को पसंद करती हूं। मैं उन लोगों को पसंद करती हूं जो एक या दूसरी तरह से महसूस करते हैं। यह उनकी भीतरी दुनिया को बताते हैं। वहां भीतर जो कुछ भी घट रहा है उसे देखना मुझे पसंद है। मेरी दिक्कत यह है कि मैं अपने आप से ही संचालित होती हूं। मैं एक कलाकार बनने की भरसक कोशिश करती हूं औऱ सच्ची भी। कभी कभार मैं महसूस करती हूं कि मैं एक पागलपन पर सवार हूं। मैं कोशिश करती हूं कि अपने भीतर का सबसे खरा हिस्सा बाहर आ सके और यह कितना मुश्किल है। ऐसा होता है कई बार जब मैं सोचती हूं कि मेरा जो कुछ भी है वह सब सच्चा है लेकिन कई बार यह सब आसानी से बाहर नहीं आता। मैं हमेशा यह छिपी बात सोचती हूं कि मैं नकली हूं।
मैं जानती हूं कि मेरा संबंध लोगों से है औऱ दुनिया से है इसलिए नहीं कि मैं प्रतिभाशाली हूं या कि खूबसूरत बल्कि इसलिए कि इसके अलावा मेरा किसी से कोई संबंध नहीं।
यह लोगों की आदत है कि वे मुझे ऐसे देखते हैं कि मैं एक व्यक्ति नहीं एक आईना हूं। वे मुझे देख ही नहीं पाते। सेक्स सिबंल बनना एक वस्तु बन जाना है। मैं वस्तु होने से नफरत करती हूं लेकिन मैं सेक्स सिंबल के बजाय किसी औऱ चीज का सिंबल बनना चाहती हूं।
सचाई यह है कि मैंने कभी किसी को बेवकूफ नहीं बनाया है, मैंने लोगों को स्वयं बेवकूफ बनने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश ही नहीं की कि मैं कौन हूं औऱ क्या हूं? बावजूद इसके उन्होंने मेरे लिए एक चरित्र खोज लिया। मैं उनसे कभी बहस नहीं की। वे निश्चित ही किसी और को प्यार करते हैं जो मैं नहीं थी। जब उन्हें यह पता लगा तो उन्होंने मुझे दोष देना शुरू कर दिया कि हमें भ्रम में रखा गया है या हमें बेवकूफ बनाया गया। कुत्ते मुझे कभी नहीं काटते, सिर्फ मनुष्य काटते हैं।
जिंदगी में ऐसे पल आते हैं जब आपको लगता है कि आप किसी के साथ हैं औऱ यही काफी है। मैं उन्हें छूना नहीं चाहती। यहां तक कि बात तक करना भी। दोनों के बीच एक अहसास बहता रहता है। और तब आप कतई अकेले नहीं होते।
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूं। मेरा आदमी मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखता है। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने अपने लिए मेरी एक छवि बना ली है और मैंने खुद को एक सेक्स सिंबल बना लिया है। आदमी बहुत अपेक्षा रखता है मैं इस पर अपने को जिंदा नहीं रख सकती। कुछ लोग हमेशा आपके प्रति कठोर होंगे। यदि मैं कहूं कि मैं बतौर एक्ट्रेस विकसित होना चाहती हूं तो वे मेरे फिगर को देखते हैं। यदि मैं कहूं कि मैं अपने क्राफ्ट को विकसित करना चाहती हूं तो वे हंसने लगते हैं। मुझे लगता है वे यह अपेक्षा नहीं रखते है कि मैं अपने काम के प्रति संजीदा रहूं। यदि आप चाहते हैं कि कोई लड़की खुश रहे तो उसे वह सब करने दें जो वह चाहती है।
एक बेहतरीन अदाकारा होने का मुझे कोई वहम नहीं है। मैं जानती हूं मैं कितनी तीसरे दर्जे की अदाकारा हूं। मैं सचमुच महसूस करती हूं कि मुझमें टैलेंट नहीं है। यह वैसा ही जैसे मैं अंदर के सस्ते कपड़े पहनती हूं। लेकिन मेरे ईश्वर बता मैं कैसे सीखना, बदलना औऱ परिष्कृत होना सीखूं। एक एक्टर को बहुत संवेंदनशील वाद्य होना चाहिए। इसाक स्टर्न अपनी वॉयलिन का बहुत ध्यान रखते थे।
यह बहुत डरावना है कि मैं जिन तमाम लोगों को नहीं जानती वे मुझे लेकर कितने भावुक होते हैं। मेरा मतलब है कि यदि वे आपको जाने बगैर बहुत प्यार करते हैं तो यह भी तो हो सकता है कि वे ठीक इसी तरह आपसे नफरत भी कर सकते हैं।
गोएथे ने कहा था कि टैलेंट निजी कोनों में फलता-फूलता है। आप जानते हैं? यह सचमुच में सच है। एक एक्टर के लिए हमेशा अकेलेपन की जरूरत है औऱ अकसर लोग यह नहीं सोचते। यह आपके लिए एक निश्चित रहस्य होता है कि जब आप एक्टिंग कर रहे होते हैं तब उन पलों में पूरी दुनिया आप में होती है। मैं जब अकेली होती हूं मैं अपने को जमा करती हूं। करियर लोगों के बीच पैदा होता है, प्रतिभा अकेले में।
कृपाकर मेरी हंसी न उड़ाएं। मैं यकीन करती हूं कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूं, अपनी इंटीग्रिटी के साथ एक अभिनेत्री। मैं सचमुच एक अदाकारा बनना चाहती हूं, एक कामोत्तेजक जीव नहीं। मैंने अपना नाम मर्लिन कभी पसंद नहीं किया। मैं हमेशा चाहती रही कि मुझे जीन मुनरो के नाम से पुकारा जाए लेकिन मुझे अंदाजा है कि इसके लिए अब कितनी देर हो चुकी है...
शोहरत यानी आप अपने को दूसरों की नजरों से देख रहे होते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा मानीखेज यह है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं, रोज-ब-रोज की जिंदगी जीते हुए, जिंदा रहते हुए कि अब आगे क्या होगा...
मैं अपनी शादी की वजह से दुःखी नहीं थी लेकिन इससे मैं खुश भी नहीं थी। मैं और मेरे पति मुश्किल से ही एकदूसरे से बोल पाते थे। और यह सब इस वजह से नहीं था कि हम एकदूसरे से नाराज थे। हमारे पास कहने को कुछ नहीं था। मैं इस ऊबाऊपन से मर रही थी। मेरी पैसों में कतई दिलचस्पी नहीं थी, मैं तो बस वंडरफुल होना चाहती थी। करियर वंडरफुल था लेकिन एक ठंडी रात में उसे आप लपेट नहीं सकते थे। मैं कैलेंडर पर जिंदा रहूंगी, समय में कभी नहीं।
मैं जब बच्ची थी तब मुझे किसी ने कभी ये नहीं कि मैं सुंदर हूं। तमाम बच्चियों को कहा जाना चाहिए कि वे सुंदर हैं, वे सुंदर न हों तब भी। हॉलीवुड में किसी भी लड़की की प्रतिभा उसके हेयर स्टाइल से कम आंकी जाती है। आपका मूल्यांकन इस आधार पर होता है कि आप कैसी दिख रही हैं, इस पर नहीं कि आप असल में हैं क्या। हॉलीवुड ऐसी जगह है जहां आपको चुंबन के लिए हजार डॉलर्स मिल जाएंगे लेकिन आत्मा के लिए पचास सेंट्स भी नहीं। मैं यह जानती हूं औऱ मैं महंगा आफर ठुकरा देती हूं औऱ पचास सेंट्स का मंजूर कर लेती हूं।
मैं बिना फेस लिफ्ट कराए बूढ़ी होना चाहती हूं। मैं चाहती हूं मुझमें अपने उस चेहरे के प्रति भरोसेमंद रहने का साहस हो जिसे मैंने बनाया है। कभी कभी मुझे लगता है उम्रदराज होना टाला जा सकता है औऱ जवान रहते मर जाएं तो बेहतर। लेकिन तब आप अपनी जिंदगी पूरी नहीं करते। नहीं क्या? तब आप कभी भी अपने को पूरी तरह से नहीं जान पाएंगे।
सेक्स प्रकृति का हिस्सा है और मैं प्रकृति के साथ जाना पसंद करूंगी। मैं पिक्चर में नेचरल लुक को पसंद करती हूं। मैं उन लोगों को पसंद करती हूं जो एक या दूसरी तरह से महसूस करते हैं। यह उनकी भीतरी दुनिया को बताते हैं। वहां भीतर जो कुछ भी घट रहा है उसे देखना मुझे पसंद है। मेरी दिक्कत यह है कि मैं अपने आप से ही संचालित होती हूं। मैं एक कलाकार बनने की भरसक कोशिश करती हूं औऱ सच्ची भी। कभी कभार मैं महसूस करती हूं कि मैं एक पागलपन पर सवार हूं। मैं कोशिश करती हूं कि अपने भीतर का सबसे खरा हिस्सा बाहर आ सके और यह कितना मुश्किल है। ऐसा होता है कई बार जब मैं सोचती हूं कि मेरा जो कुछ भी है वह सब सच्चा है लेकिन कई बार यह सब आसानी से बाहर नहीं आता। मैं हमेशा यह छिपी बात सोचती हूं कि मैं नकली हूं।
मैं जानती हूं कि मेरा संबंध लोगों से है औऱ दुनिया से है इसलिए नहीं कि मैं प्रतिभाशाली हूं या कि खूबसूरत बल्कि इसलिए कि इसके अलावा मेरा किसी से कोई संबंध नहीं।
यह लोगों की आदत है कि वे मुझे ऐसे देखते हैं कि मैं एक व्यक्ति नहीं एक आईना हूं। वे मुझे देख ही नहीं पाते। सेक्स सिबंल बनना एक वस्तु बन जाना है। मैं वस्तु होने से नफरत करती हूं लेकिन मैं सेक्स सिंबल के बजाय किसी औऱ चीज का सिंबल बनना चाहती हूं।
सचाई यह है कि मैंने कभी किसी को बेवकूफ नहीं बनाया है, मैंने लोगों को स्वयं बेवकूफ बनने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश ही नहीं की कि मैं कौन हूं औऱ क्या हूं? बावजूद इसके उन्होंने मेरे लिए एक चरित्र खोज लिया। मैं उनसे कभी बहस नहीं की। वे निश्चित ही किसी और को प्यार करते हैं जो मैं नहीं थी। जब उन्हें यह पता लगा तो उन्होंने मुझे दोष देना शुरू कर दिया कि हमें भ्रम में रखा गया है या हमें बेवकूफ बनाया गया। कुत्ते मुझे कभी नहीं काटते, सिर्फ मनुष्य काटते हैं।
जिंदगी में ऐसे पल आते हैं जब आपको लगता है कि आप किसी के साथ हैं औऱ यही काफी है। मैं उन्हें छूना नहीं चाहती। यहां तक कि बात तक करना भी। दोनों के बीच एक अहसास बहता रहता है। और तब आप कतई अकेले नहीं होते।
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूं। मेरा आदमी मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखता है। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने अपने लिए मेरी एक छवि बना ली है और मैंने खुद को एक सेक्स सिंबल बना लिया है। आदमी बहुत अपेक्षा रखता है मैं इस पर अपने को जिंदा नहीं रख सकती। कुछ लोग हमेशा आपके प्रति कठोर होंगे। यदि मैं कहूं कि मैं बतौर एक्ट्रेस विकसित होना चाहती हूं तो वे मेरे फिगर को देखते हैं। यदि मैं कहूं कि मैं अपने क्राफ्ट को विकसित करना चाहती हूं तो वे हंसने लगते हैं। मुझे लगता है वे यह अपेक्षा नहीं रखते है कि मैं अपने काम के प्रति संजीदा रहूं। यदि आप चाहते हैं कि कोई लड़की खुश रहे तो उसे वह सब करने दें जो वह चाहती है।
एक बेहतरीन अदाकारा होने का मुझे कोई वहम नहीं है। मैं जानती हूं मैं कितनी तीसरे दर्जे की अदाकारा हूं। मैं सचमुच महसूस करती हूं कि मुझमें टैलेंट नहीं है। यह वैसा ही जैसे मैं अंदर के सस्ते कपड़े पहनती हूं। लेकिन मेरे ईश्वर बता मैं कैसे सीखना, बदलना औऱ परिष्कृत होना सीखूं। एक एक्टर को बहुत संवेंदनशील वाद्य होना चाहिए। इसाक स्टर्न अपनी वॉयलिन का बहुत ध्यान रखते थे।
यह बहुत डरावना है कि मैं जिन तमाम लोगों को नहीं जानती वे मुझे लेकर कितने भावुक होते हैं। मेरा मतलब है कि यदि वे आपको जाने बगैर बहुत प्यार करते हैं तो यह भी तो हो सकता है कि वे ठीक इसी तरह आपसे नफरत भी कर सकते हैं।
गोएथे ने कहा था कि टैलेंट निजी कोनों में फलता-फूलता है। आप जानते हैं? यह सचमुच में सच है। एक एक्टर के लिए हमेशा अकेलेपन की जरूरत है औऱ अकसर लोग यह नहीं सोचते। यह आपके लिए एक निश्चित रहस्य होता है कि जब आप एक्टिंग कर रहे होते हैं तब उन पलों में पूरी दुनिया आप में होती है। मैं जब अकेली होती हूं मैं अपने को जमा करती हूं। करियर लोगों के बीच पैदा होता है, प्रतिभा अकेले में।
कृपाकर मेरी हंसी न उड़ाएं। मैं यकीन करती हूं कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूं, अपनी इंटीग्रिटी के साथ एक अभिनेत्री। मैं सचमुच एक अदाकारा बनना चाहती हूं, एक कामोत्तेजक जीव नहीं। मैंने अपना नाम मर्लिन कभी पसंद नहीं किया। मैं हमेशा चाहती रही कि मुझे जीन मुनरो के नाम से पुकारा जाए लेकिन मुझे अंदाजा है कि इसके लिए अब कितनी देर हो चुकी है...
शोहरत यानी आप अपने को दूसरों की नजरों से देख रहे होते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा मानीखेज यह है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं, रोज-ब-रोज की जिंदगी जीते हुए, जिंदा रहते हुए कि अब आगे क्या होगा...
एक अच्छा लेख। पढकर अच्छा लगा।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया बन गया यह लेख ..बुक मार्क करने लायक ..आपकी मेहनत सफल है
ReplyDeleteshukriya is sankaln ke liye
ReplyDeleteभाई, इसमें तो कमाल की लय और सम्बद्धता है। लग तो नहीं रहा कि मर्लिन-उवाच के टुकड़ों से इमारत बनी है। बहुत खूब।
ReplyDeleteइस रहस्यमयी हस्ती नोरमा जीन बेकर के बारे में पुष्पा भारती ने भी अपनी किताब शुभागता में लिखा था।
आपकी इस पोस्ट से मर्लिन मूनरो का दार्शनिक इंसान सामने आया है रवीन्द्र भाई.
ReplyDeleteएक चर्चित व्यक्तित्व के बारे में अलग तरह से अच्छी जानकारी देने के लिए साधुवाद के आप पात्र हैं
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