कुछ कलाकार होते हैं सदाबहार किस्म के मगर साथ ही ये सदाबाहर किस्म के भी होते हैं क्योंकि ये रैट-रेस से बाहर रहते हैं और इसके बावजूद भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते रहते हैं। ये जमात अकसर एफ़र्टलेस कलाकारों की होती है; इतने एफ़र्टलेस कि शायद ये बने ही सिर्फ़ इस काम के लिये हों और मैनें देखा है कि यह जो जमात है इनमें से ज़्यादातर ग़ैर-इरादतन फ़िल्मों में आ गए; ग़लती से या तुक्के से। वे तो कुछ और ही करने जा रहे थे मगर बीच में कहीं से निकलकर किसी फ़िल्म का कोई रोल उनके हिस्से आ गया। अकसर सोचता हूँ कि अगर फ़िल्में न होतीं तो इन जैसे लोग क्या करते। सोचकर अजीब लगता है कि अशोक कुमार हिमांशु राय के स्टूडियो में लैब-टैक्नीशियन थे। उन्हे मौका न मिलता तो क्या वे लैब-टैक्नीशियन ही रहते? संभव नहीं लगता। मेरे खयाल में अपने यहां अशोक कुमार पहले ऐसे अभिनेता रहे होंगे जो सिर्फ़ अपनी मौजूदगी से दर्शक को प्रभावित कर सकते थे मगर फिर भी नंबर एक की दौड़ जैसे फ़िल्मी खेलों से बाहर रहते थे। मंटो ने अपने संस्मरणों में दादा मुनि का खूब ज़िक्र किया है। दूसरी ओर प्राण भी हैं जो विलेन होकर भी लोगों के दिलों पर राज करते रहे। उनको अपने व्यक्तित्व के जादू को फ़िल्मों और फ़िल्मों से बाहर सिद्ध करने के लिये गुड्डी जैसी फ़िल्मों का मोहताज नहीं रहना पड़ा।
उधर हालीवुड में रोबिन विलियम्स चंद उन कलाकारों में से हैं जिनकी फ़िल्म में मौजूदगी मेरे लिए पर्याप्त है हालांकि यह भी सच है कि मुझे उनकी कुछ फ़िल्में पसंद नहीं आईं। इसके बावजूद उनके नाम पर मैं फ़िल्म देखने के लिये बैठ सकता हूँ। पेशे से स्टैंड-अप कामेडियन रहे इस व्यक्ति ने फ़िल्मों की ओर थोड़ा देर से ध्यान दिया मगर पर्याप्त फ़िल्में की हैं।
परंपरागत कामेडी से परे विलियम्स उस कोटि के कामेडियन हैं जिनके ह्यूमर और प्रत्युन्नमति की मिसाल दी जा सकती है। उनके बारे में अकसर कहा जाता है, “A fellow with the inventiveness of Albert Einstein but with the attention span of Daffy Duck”।
वह चाहे “राबिन विलियम्स लाइव आन ब्राडवे” हो या उससे पहले के स्टैड अप टूर शो “एन ईवनिंग विद राबिन विलियम्स”, इन प्रोग्रामों की टिकट अकसर बिक्री शुरु होने के तीस मिनट में ही बिक जाती थी। यदि उन्हे स्टेज सौंप दिया जाए तो वे सिर्फ़ अपने ह्यूमर से दर्शकों को घंटों हंसाकर बेहाल कर सकते हैं। फ़िल्मों में भी अकसर वे अपने डायलोग्स को इंप्रोवाइज़ करते हैं जोकि हमेशा फ़िल्म और चरित्र को बेहतर बनाता है।
उनकी फ़िल्म "पैच एडम्स" में हंटर के किरदार को कौन भूल सकता है? वह विकट सुपर इंटेलिजैंट युवक जो डाक्टरी जैसे पेशे के मानी बदल देना चाहता है और परफ़ार्मिंग आर्ट जैसे आयाम जोड़कर इस पेशे को ज़्यादा ह्यूमेन बनाना चाहता है। मैं इस फ़िल्म को देखने के बाद अगले कई महीनों तक इस फ़िल्म के प्रभाव में रहा। दो-तीन बार यह फ़िल्म खरीद चुका हूँ और गुम भी कर चुका हूँ। हैरानी होती है कि इस फ़िल्म की चर्चा क्यों नहीं होती। मुन्नाभाई देखने के बाद मेरी तात्कालिक टिप्पणी थी कि मुन्नाभाई की स्क्रिप्ट इस फ़िल्म से प्रभावित है और अपनी इस राय पर मैं आजतक कायम हूँ। पैच एडम्स इसी नाम के एक मशहूर डाक्टर के जीवन और घटनाओं पर बनाई गई फ़िल्म है। इस डाक्टर ने गेसुंडहाइट इंस्टिट्यूट नाम का मशहूर अस्पताल भी बनाया जिसके बारे में कुछ जानकारी विकिपेडिया पर उपलब्ध है। इसके अलावा भी विलियम्स ने कई अद्भुत फ़िल्में दी हैं जैसे “बाईसेंटिनल मैन”, “वन आवर फ़ोटो”, “गुड मार्निंग वियतनाम”, “मिसेज़ डाउटफ़ायर”, “गुडविल हंटिंग” और “इन्सोम्निया”।
विलियम्स के ह्यूमर के चलते उनकी कई टिप्पणियाँ बहुत मशहूर हुई हैं जिनपर नज़र डाली जाए तो लगता नहीं कि ये बातें एक एक्टर कह रहा है:
1. God gave men both a penis and a brain, but unfortunately not enough blood supply to run both at the same time.
2. We had gay burglars the other night. They broke in and rearranged the furniture.
3. Reality is just a crutch for people who can't cope with drugs.
4. My God! We've had cloning in the South for years. It's called cousins.
5. Politics: Poli a Latin word meaning many; and tics meaning bloodsucking creatures.
6. Do you think God gets stoned? I think so… look at the platypus.
7. Why do they call it rush hour when nothing moves?
8. If women ran the world we wouldn't have wars, just intense negotiations every 28 days.
9. In England, if you commit a crime, the police don't have a gun and you don't have a gun. If you commit a crime, the police will say Stop, or I'll say stop again.
10. People say satire is dead. It's not dead; it's alive and living in the White House.
11. Ah, yes, divorce ... from the Latin word meaning to rip out a man's genitals through his wallet.
12. Reality: What a concept!
13. The Statue of Liberty is no longer saying, Give me your poor, your tired, your huddled masses. She's got a baseball bat and yelling, You want a piece of me?
14. Having George W. Bush giving a lecture on business ethics is like having a leper give you a facial, it just doesn't work!
15. We Americans, we're a simple people . . . but piss us off, and we'll bomb your cities.
16. The Second Amendment says we have the right to bear arms, not to bear artillery.
17. Cricket is basically baseball on valium.
18. The Russians love Brooke Shields because her eyebrows remind them of Leonid Brezhnev.
19. When the media ask George W. Bush a question, he answers, 'Can I use a lifeline?'
राबिन विलियम्स लाइव आन ब्राडवे की एक बानगी यहां देखिये।